मंगल दोष

मंगल दोष

मंगल दोष

ज्योतिष जगत् ने कुंडली विश्लेषण में कई दोषों का वर्णन किया है। जिनमें एक दोष मंगल दोष माना जाता है। वैसे मंगल दोष का और कहीं प्रभाव नही माना जाता। परन्तु कुंडली मिलान यानी Match-making से पूर्व ये बात अवश्य देखी जाती है की लड़के या लड़की की कुंडली में मंगल दोष है या नही तो मै आपको क्रमबद्ध समझाता हूँ की मंगल दोष को लेकर क्या-क्या सवाल या जिज्ञासाएँ आप लोगों के मन में उठती है।

पहला सवाल- मंगल दोष कुंडली में कब होता है या मांगलिक कुंडली की पहचान कैसे करते है ?
जवाब- जब कुंडली के पहले, चौथे, सांतवे,आंठवे या बारहवें भाव में मंगल विराजमान हो तो कुंडली में मंगलदोष होता है।

दुसरा सवाल- क्या आंशिक मंगलदोष होता है ?
जवाब- नहीं, कोई आंशिक मंगल दोष नहीं होता है।इन पाँच भावों के अतिरिक्त मंगल किसी भी भाव में है तो वो कुंडली मांगलिक नही है।

तीसरा सवाल- मांगलिक क्या होता है ?
जवाब- जब किसी की कुंडली में पहले,चौथे,सांतवे,आंठवे या बारहवें भाव में मंगल होता है तब वो कुंडली मांगलिक की या उस कुंडली को मांगलिक दोष से पिडित कहा जाता है।

चौथा सवाल- क्या मांगलिक और गेर मांगलिक का विवाह हो सकता है ?
जवाब- हाँ, केवल मांगलिक हो जाना या मांगलिक ना होना कुंडली मिलान का एक मात्र काईटेरिया नही है। कुंडली मे दोनों के कितने गुण मिल रहे है। दोनों के आपस में योनी सम्बन्ध कैसे है, नाड़ी सम्बन्ध कैसे है, को भी ध्यान में रखना होता है।

पाँचवा सवाल- क्या मंगल दोष भंग होता है ?
जवाब- नहीं, मंगल दोष भंग नही होता, हाँ यदि मंगल कुंडली में गुरू के साथ बैठ जाये तो मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।दुसरा मंगल की डिग्री बहुत कम जैसे 1 से 3 तक ही हो या बहुत ज़्यादा जैसे 25 से ज़्यादा हो तो मंगल दोष का असर कम हो जाता है पर वो भंग नही होता।

छँटा सवाल- क्या प्रेम विवाह में मंगलदोष प्रभावी रहता है ?
जवाब- हाँ, प्रेम विवाह करने वाले जातक भी मंगलदोष से बाहर नही है।

सवाल- क्या मंगल तलाक का कारण भी बन सकता है ?
जवाब- हाँ, सप्तम भाव में नीच का मंगल हो,और जातक को मंगल की दशा लगें, तलाक़ होकर ही रहेगा, या रिश्ते अंत्यत तनावपूर्ण हो जायेगे। कई बार एक को गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ता है।

सांतवा सवाल- माँगलिक की शादी कब होती है ?
जवाब- सामान्यतः मांगलिक का विवाह 26 से 28 वर्ष की आयु पश्चात् होता है।परन्तु कुंडली में शुक्र या गुरू अच्छी स्थिति में हो तो विवाह पहले भी हो सकता है। यानी ज्योतिष में कोई ऐसा हार्ड एंड फ़ास्ट नियम नहीं की माँगलिक का विवाह देरी से ही हो।

आँठवा सवाल- मांगलिक दोष के क्या उपाय है ?
जवाब- मंगल दोष के कई उपाय है, उसमें घट-विवाह कुछ लोग इसे कुंभ विवाह भी कहते है।पीपल विवाह इत्यादि प्रचलित है। ये केवल लड़की के मांगलिक होने पर किये जाते है।
इसके अतिरिक्त मंगल यंत्र/ कात्यायनी यंत्र धारण करने से मंगल दोष में कमी आती है।

नौवाँ सवाल- मांगलिक होने के कोई फ़ायदे है ?
जवाब- हाँ, मांगलिक होने के बहुत से फायदे है जैसे मंगल मंगल लग्न में है तो वो जातक बहुत आत्मविश्वासी होता है, दंबग होता है।सातवें भाव में उच्च का हो तो बड़ी-बड़ी साझेदारी करता है। दुसरो से बहुत लाभ होता है। हर कोई उसे सम्मान देता है। चौथे घर में मंगल आपको ऐश्वर्य व माँ का भरपूर सहयोग देता है।

ये कुछ महत्वपूर्ण बिंदु या सवाल है। जो अक्सर आप लोगों द्वारा मंगल दोष को लेकर पुछे जाते है। बाक़ी जैसा मैंने पहले ही बताया, केवल मांगलिक होना या ना होना बहुत महत्वपूर्ण नहीं है। कुंडली में बहुत से दुसरे पहलुओं की भी विवेचना करनी होती है।