Shrimali Astrologer – Astrology FAQ

Shrimali Astrologer is a great & well-educated astrologer in Jodhpur as well in India. He was born in the Jodhpur city of Rajasthan in a Brahman family, his father was also a Karmakandi pandit and a well-known name in the same field.

He is a graduate in English literature, Economics & Public Administration (1996) from JNV university & a post-graduate in business management (1998) from (IIRM).

He started his career in 2000 in the trade of IT industry & After a period he started a Horoscope consultation & began a Magzine “Grah Rahasya” which was based on astrology and spirituality. He is an expert in Astrologer, Kundali Vishleshan, Match Making, Vastu, Numerology, and more.

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Definitely, Astrology predict future, and its the only way through you can find your future and plan in better ways. Your horoscope itself speaks and if you are consulting to a good astrologer he/she can predict your past also.

Even through your Date of Birth means your Birth Chart you can find your wealth, health ,money, romance, life-partner, job. But always be sure of your DOB and Time of Birth. to be accurate.

Otherwise proper predictions are not possible, because your horoscope describe your planet positions of your time of birth, and through that time and planet position we predict your future and it’s the only way to find about yourself.

Yes, It is easy for Shrimali Ji to predict a person’s marriage prospects from the date of his/her birth. After all, astrology can tell you everything about your future, including how your married life is going to be. Different aspects of your birth chart or horoscope can tell you everything about your life partner & is the most accurate astrologer.

There are a lot of Famous astrologers in India & Astrologer Rajesh Shrimali Ji is one of them. He is the best Astrologer in Jodhpur city as well in India amongst other Jyotish, also an experienced astrologer from Rajasthan began Astrology in 2006. He is an expert on planet transit and its effects. His knowledge of Rudraksha and Shri Yantra is very high.

Free astrology on a phone call – talk to astrologer on phone: 9829024288

Astrologer Shrimali takes between 3 to 5 days to prepare to complete a birth chart, with a solution.

Yes, by his/her birth chart.

जिस जातक की कुंडली मैं मंगल 1, 4, 7, 8, ओर 12 घर मैं स्तिथ हो वह मांगलिक होता हे । मंगल उष्ण प्रकृति का ग्रह है, इसे पाप ग्रह माना गया है और ज्योतिष विज्ञान मैं इसका बहुत महत्वपूर्ण स्थान हे । मंगल की स्थिति से रोजी रोजगार एवं कारोबार मे उन्नति एवं प्रगति होती है तो दूसरी ओर इसकी उपस्थिति वैवाहिक जीवन के सुख बाधा डालती है. वैवाहिक जीवन में शनि को विशेष अमंलकारी माना गया है.

जी हाँ शत प्रतिशत ज्योतिष एक विज्ञान है और उसका आधार गणित है, आकाश मंडल में ग्रहों के विचरण व उनकी व्यवस्था को आधार मानकर ज्योतिष या कुंडली का निर्माण होता है|

विज्ञान तथ्यों पर बात करता है| खगोल विज्ञान ही ज्योतिष है|

नासा से लेकर जंतर मंतर तक खगोल विज्ञान पर आधारित है|

कौनसा ग्रह कब कहाँ होगा कब ग्रहण होगा इस खगोल विज्ञान का ही दूसरा नाम गणित ज्योतिष है|

ज्योतिष को 2 भागो में विभाजित किया गया है पहला गणित दूसरा फलित | गणित ज्योतिष यानि खगोल विज्ञान | इसमें ग्रहो की स्थिति, प्रवृति, भ्रमण इत्यादि आता है|

फलित ज्योतिष इन ग्रहो की प्रवृति, प्रकृति व भ्रमण से  गोचर से आपके जीवन  पर क्या प्रभाव पड़ता है यह बताया जाता है|

गणित ज्योतिष बरसात होगी ये बताता है, फलित ज्योतिष उस बरसात का आप पर क्या प्रभाव पड़ेगा ये बताता है|

बरसात अगर आपके लिए अच्छी नही है तो एक ज्योतिषी आ पके लिए छाते  का प्रबंध करता है और अगर बरसात अच्छी है तो आपको भीगने का नहाने का बरसात का आनंद लेने को कहता है|

बस जैसे बरसात को  आप देख पाते है क्योकि वो आपको सीधे नजर आती है वैसे ही ग्रहो  के भी असर होते है|

बरसात आप देख पाते है महसूस कर पाते है प्रत्यक्ष रूप से, पर ग्रह आप देख  नही पाते इसलिए आप संशय करते है, ग्रह है, उनकी गणना है|

रात दिन है उनका असर है सूर्य और चन्द्रमा भी 2 ग्रह है वेसे ही 7 और भी है वो बाकी के सात आपको दिखते नहीं है पर असर वैसे ही करते है जैसे दिन और रात, सूर्य और चन्द्रमा, बरसात आदि|

Does Astrology works?

शायद मेरे ऊपर के जवाब से आपको दुसरे सवाल का जवाब भी मिल गया होगा|

Does Astrology works?

Yes it works and effects you 100%

Without any doubt……

सब ग्रहो द्वारा नियंत्रित है| ईश्वर भी ग्रहो के  अधीन आते है वरना राम को वनवास नही जाना  पड़ता और कृष्णा को युद्ध नही करना पड़ता

कर्म का भाग्य से संबंध ही ज्योतिष है…. कुंडली है|

इसलिए वेदों में ज्योतिष पर बहुत कुछ कहा गया है|

जो वेदो को मानता है उसे ज्योतिष को मानना ही पड़ता है|

इसमें कोई संदेह नही| संशय नही|

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संसार की रचना में  पंचतत्वो को आधार माना गया है आज यह विज्ञान शास्वत सत्य है की संसार की रचना पंचतत्वो से हुई है

पंचतत्वो को पञ्च महाभूत भी कहा जाता है ये है आकाश पृथ्वी अग्नि वायु जल इसी को आधार बनाकर हमारी भाषा बनी और विकसित हुई|  भाषा के 5 वर्ग है और प्रत्येक वर्ग में 5 अक्षर है

स्वर भी 5 ही है तथा उन्हें उच्चारण करने के भी 5 स्थान है

लोक में जिस प्रकार एक तत्त्व का दुसरे तत्त्व में प्रवेश हो जाता है उसी प्रकार प्रत्येक वर्ग के पांच अक्षरो की संख्या दुसरे तत्वों की उपस्थिति का प्रतिक है ऋषि मुनियों ने अपने योगबल अंतर्द्रस्ष्टि से शब्दों के महत्वो को पहचाना और इसे ब्रह्मा कहकर उसकी उपासना विधि निकाली

शब्द को मंत्र का आधार मानने का मुख्य कारण यह है की अन्य तत्वों की अपेक्षा अधिक शक्तिशाली तथा समर्थ है शब्दों के उच्चारण से जो कम्पन पैदा होता है वे इश्वर तत्त्व के माध्यम से आकाश में परिक्रमा करके कुछ ही क्षणों में अपना चक्र समाप्त कर लेते है और उनके साथ अनुकूल कम्पनो को अपने साथ यात्रा कराते समय मिला लेते है|

इस कम्पनो का एक पुंज बन जाता है यात्रा से लौटते लौटते अपनी शक्ति को काफी बढ़ा लेते है यह कार्य इतनी सुक्षमता तीव्रता से होता है कि साधक को इसका अनुभव नही हो पाता के शब्द के उच्चारण से यह चमत्कार कैसे उत्पन्न हो रहा है| व्यवहार में भी हम शब्दों के चमत्कार को देखते है| बीन बजाकर सपेरा सर्प को मोहित कर लेता है संगीत की ध्वनि से  मृग तन्मय हो जाता है| थाली बजाकर जहरीले  जन्तुओ के विश को दूर क्या जाता है| शब्द का सामर्थ्य सभी भोतिक शक्तियों से बढ़कर विभेदन क्षमता रखता है

हम जो कुछ बोलते है उसका प्रभाव व्यक्तिगत रूप में सोर ब्रह्माण्ड में पड़ता है जिस तरह तालाब में फेके गये कंकड़ से उत्पन्न लहरें काफी दूर तक जाती है इसी प्रकार हमारे मुख से निकला शब्द आकाश के सूक्ष्म कम्पनो को पैदा करता है इन्ही कम्पनो से लोगो में अद्रश्य प्रेरणा जाग्रत होती है तथा मस्तिष में विचार न जाने कब आ जाते है|

हम समझ नही पाते परन्तु मंत्रविद के ज्ञान कोषों से टकराकर विचार के रूप में प्रकट होते है| शास्त्रों में भी मंत्रो की अपार महिमा बतलाई गयी है| आज भी बहुत से लोग मंत्र शक्ति द्वारा अपनी कामना सिद्ध करते देखे जा सकते है| भारतीय जन समुदाय का मंत्र शक्ति के प्रति अटल विशवास और श्रद्धा है| आधुनिक शिक्षा पाए कुछ लोग इस विद्या को कपोल कल्पना  और अंधविश्वास कहते है| क्योकि उन्हें मंत्र शक्ति का कोई ठोस तर्क नही मिल पाता| मंत्र शक्ति के बारे में  जहा विश्च्वासी मिल जायंगे वहां अविश्वासी भी मिल जायंगे| वाद विवाद चलने पर एक मंत्र को सास्वत सत्य कहता है वही दूसरी और उसे ढोंग और अविश्वास बतलाता है| ऐसा  इसलिए हो रहा है की मंत्र विद्या के जानकार प्रायः लुप्त हो गये है और आजकल ढोंगी लोगो ने इसे व्यवसाय बना लिया है| प्राचीन ऋषि मुनियों के मतानुसार शब्द में अपार शक्ति छिपी रहती है| क्योकि यह आकाशतत्त्व से सम्बंधित है और आकाश तत्त्व अतिसूक्ष्म है| स्थूल की अपेक्षा सूक्ष्म की शक्ति अधिक होती है|मंत्रो में जो अद्भुत शक्तिओ का निवास है वहा किसी विशेष प्रक्रिया के द्वारा विब्भिन्न वर्णों में संजोई गयी है| जिन अक्षरो के परस्पर समन्वय से मंत्र बनते है वे इस तरह मिलाये जात्ते है की जिस प्रकार धातु और रासायनिक पदार्थो का  विचार पूर्वक मिलाने पर उसमे बिजली की शक्ति उत्पन्न  हो जाती है उसी प्रकार उन अक्षर समूहों के सूक्ष्म विचारपूर्वक मिलाकर मंत्रो में अदभुत शक्ति उत्पन्न कर देते है|इसके अतिरिकत जिस प्रकार शब्दों का प्रयोग करने वाली प्राण शक्ति और हार्दिक शक्ति के द्वारा शब्द में अपूर्व शक्ति आ जाती है| जिसके द्वारा श्रोताओ के ऊपर प्रभाव पड़ता है |उसी प्रकार साधक के अंतःकरण की शुद्धिशक्ति भावशक्ति प्राणशक्ति और सयमशक्ति के द्वारा मंत्र प्रयुक्त होने पर उसमे असाधारण शक्ति आ जाती है और यही कारण है की  ऐसे शक्तिसंपन्न मंत्रो का जहां प्रयोग किया जाये वहां इच्छित फल प्राप्ति होती है|

ऋषि मुनियों  ने आत्मसाक्षात्कार की विधि सिद्धि और अनुभूति को शब्दों का माध्यम बना दिया| इसी भाषा को स्थूल का भी बोधक बना दिया| यह उनके आत्मदर्शन और बाहरी  दर्शन का समन्वय्परक विश्लेषण था| व्यवहार में जो बात कहने पर उसका फल और प्रभाव हमे तत्काल ज्ञात होता है मंत्र में ऐसा क्यों नही हो पाता?

यह सहज जिज्ञासा हमारे मन मे हो सकती है किन्तु स्मरण रखने योग्य तथ्य यह  भी है के भाषा का यह व्यापार स्थूल की क्रिया है|

जिन शब्दों को दिनभर में हम व्यव्हार में लाते है  उनमे वास्तविक शक्ति न के बराबर होती है इसलीये क्रिया हमे अधिक करनी पड़ती है|

शास्त्रों में मंत्रो की अनेक परीभाषाए दी गयी है उनका वर्गीकरण भी किया जाता है| मंत्र साधना क लिए गुरू से दीक्षा लेकर दिशा दशा माला आसन स्थान आदि का भी विवेचन किया जाता है|

ऐसा माना जाता हे की यदि एक मांगलिक एक अमांगलिक से विवाह करे तो इस के भयानक परिणाम हो सकते हैं – दोनो मैं से एक की म्रत्यु भी हो सकती हे । यह एक बहुत बड़ा कारण हे की मांगलिक लोगों का विवाह देर से होता हे । उन्हैं अपना उचित वर ढूंडने मैं ही काफी समय लग जाता हे । इस दोष को गहराई से समझना आवश्यक है ताकि इसका भय दूर हो सके ।

The price range of an Astrologer Shrimali starts from around INR 1000 and goes up to around INR 2000. Their price will also depend on their experience, services provided, and expertise.