Delay in Marriage Vedic Astrology By Shrimali Ji
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Delay in Marriage Vedic Astrology By Shrimali Ji: किसी के विवाह में देरी के लिए मैं जब किसी का कुंडली अध्ययन करता हूँ तो अलग-अलग कुंडलियों में उसकी अलग-अलग वजह होती है। परन्तु फिर भी कुछ बड़े कारण जो एक महिला या पुरूष के विवाह में देरी का कारण बनते है। मै राजेश श्रीमाली आपके सामने रख रहा हूँ। जिससे सबसे पहला कारण है, मांगलिक होना- जब किसी भी कुंडली के पहले, चौथे,सांतवे,आठवें या बारहवें भाव में मंगल होता है तो ऐसा लड़का या लड़की मांगलिक कहलाते है या होते है।
मांगलिक का विवाह 26 वर्ष के पश्चात् ही होता है, कुछ माँगलिक लोगों का विवाह पहले हो सकता है यदी वो शुक्र या गुरू की दशा भोग रहे हो। आप को मै यहाँ ये बात भी बताता चलूँ की आंशिक मंगल जैसी कोई स्थिति कुंडली में नही होती है। मांगलिक के अलावा दुसरा जो सबसे बड़ा कारण विवाह में देरी का होता है वह है- यदी शुक्र पर मंगल व शनि अपनी द्रष्टि कर लें तब भी विवाह में देरी होती है। और यह स्थिति जातक के प्रेम विवाह होने के आसार को प्रबल कर देती है।
या आप ये मान लें की ऐसे जातकों जिनकी कुंडली में शुक्र पर मंगल व शनि द्रष्टि करते है उनका प्रेम विवाह ही होता है। तीसरा जो महत्वपूर्ण कारण है वह है। शनि का सांतवे भाव में स्वराशि का हो जाना, यदि किसी की कुंडली मे सप्तम भाव में शनि स्वराशि का हो जाता है तो उसकी वर या वधु बहुत अच्छी मिलती है, उस जातक को उससे शादी के बाद बहुत फ़ायदे भी मिलते है। परन्तु शादी जरूर देरी से होती है। राजेश श्रीमाली जी के अनुसार कई जातकों का तो विवाह 36 वें साल के बाद होता देखा गया है।
चौथा जो सबसे बड़ा कारण विवाह में देरी का श्रीमाली जी बताते है वह है कुंडली में शुक्र का नीच का होना, यदि किसी की कुंडली में शुक्र नीच का है उस स्थिति में भी विवाह में देरी तय मान सकते है। आईये अब बात करते है तलाक की- किसी भी जातक का तलाक होने या वैवाहिक जीवन ख़राब होने का सबसे बड़ा कारण सांतवे भाव का स्वामी नीच का होना होता है,
उदाहरण के तौर पर किसी की कुंडली में सप्तम भाव का स्वामी मंगल है और वह नीच का है तो जातक को जब मंगल की दशा लगेगी तब निश्चित रूप से उसका तलाक होगा या वैवाहिक जीवन ख़राब हो जायेगा। इसके अतिरिक्त गुण ना मिलना, किसी एक की कुंडली बहुत उच्च अभिलाषी व दुसरे की कुंडली सामान्य हो तब भी तलाक या वैवाहिक जीवन ख़राब होता है।इसलिए अच्छे वैवाहिक जीवन के लिए कुंडली मिलान, मंगल प्रभाव, शुक्र व शनि की स्थिति देखनी ज़रूरी होती है।
वर्ना जीवनसाथी से शारिरिक असंतुष्टी, सेक्स व रोमांस से जुड़ी समस्याओं, संतान उत्पत्ति में बाधा, निरन्तर पैसे का अभाव ऐसे जातकों को देखना पड़ता है। जिससे वैवाहिक जीवन ख़राब हो जाता है। तो आपको राजेश श्रीमाली जी ने विवाह में देरी(Delay in marriage) तलाक(Divorce) सातवें घर(Seventh House) के नीच ग्रहों के प्रभाव से होने वाली परेशानियों के कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के प्रकाश डाला है।
Rajesh Shrimali
Expert in Vedic Astrologer, Kudali Vishleshan, Numerology & Horoscope Consultation
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