सातवाँ घर… कुंडली के बारह भावों में सबसे महत्वपूर्ण भाव,ये घर ही तय करता है की आपको कैसी पत्नी/पति मिलने वाला है।। फिर ये ही भाव तय करता है की आपका जीवनसाथी कैसा होगा या है,सातवें भाव पर एक आदमी या औरत का बहुत कुछ टिका होता है।। जीवनसाथी सही तो सब सही..कई कुंडलियाँ को बिना मिलाये शादियाँ होती है।सातवें भाव के सही होने के बावजूद कुंडलियाँ आपस में नही मिलती जिससे आपस में लड़ाई-झगड़े,मारपीट रोज़ का काम हो जाता है।। विवाह पश्चात के प्रेम सम्बंध,तलाक़ आम हो गया है।।
भारत में लाखों केस तलाक़ के लिए अदालतों में लम्बित है,लाखों तैयारी में है।। एक कुंडली का एक भाव बहुत होता है।। गणना के लिए.. सुखी या दुखी.. तय करने के लिए।। अब इसके अलावा एक और समस्या जो दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है..विवाह में देरी..सही जीवनसाथी तक पहुँच ना हो पाना!! तो आइये.. देखते है आपको सही और सटीक जीवनसाथी कब और कैसे मिलें,क्यों हो रही है,शादी में देरी. क्या कहती है..आपकी कुंडली.. और क्या कहता है..आपकी कुंडली का सातवाँ घर ?