Mulank 4 | मूलांक 4 | Numerology
/in Numerology /by Rajesh Shrimaliजानें, मूलांक 4 वालों का भविष्य और भविष्यफल | Know, the future and predictions of the people of Radix 4
जिनका जन्म 4/13/22 या 31 तारीख़ को हुआ है। उन सभी का मूंलाक 4 है। इस मूलांक का स्वामी राहु है। तो आईये जाने, कुछ महत्वपूर्ण बातें इनके बारे में:
मूलांक चार शांति का प्रतीक हैं, ऐसे व्यक्ति सहिष्णु, सौम्य, विपत्ति में भी धीरज न खोने वाले और गंभीर प्रकृति के होते हैं। इनका दिमाग शांत होता हैं और जरा-जरा सी बात में ये उत्तेजित नहीं होते। यद्यपि लोगों के मन में इनके प्रति संदेह बना रहता हैं, परन्तु इनके कार्यो में कोई भी ऐसा दोष नहीं होता, जिसके कारण इन पर उंगली उठाई जा सके।
नवीनता एवं शोध इनके जीवन के प्रमुख गुण हैं। कुछ न कुछ नया हो, नवीनतम शोध हो तथा जहां तक हो सके हर बात की गहराई में पहुंचा जाए, यही इनकी विशेषताएँ हैं। मौलिक विचारों के ये धनी होते हैं तथा इनके प्रत्येक तर्क में नवीनता एवं वास्तविकता के दर्शन हो सकते हैं।
इनका कोई भी कार्य अव्यवस्थित नहीं होता, अपितु पूर्ण योजनाबद्ध रूप में ये आगे बढ़ते हैं। भविष्य को पहचानने की इनमें अद्भूत क्षमता होती हैं तथा जो अनुमान ये लगाते हैं वह आगे चलकर पूर्णतः सही सिद्द होता हैं।
ये व्यक्ति भाग्यशाली कहे जा सकते हैं, क्योंकि परिस्थितियां स्वतः ही कुछ इस प्रकार से बनती रहती हैं कि इनका रास्ता बनता जाता हैं एवं जीवन पथ पर अग्रसर होते रहते हैं। यद्यपि ये योजनाबद्ध रूप से आगे बढ़ते हैं परंतु आर्थिक क्षेत्र में ये सामान्य ही रहते हैं। इनका बजट हमेशा असंतुलित रहता हैं तथा जेब में पैसा टिकता नहीं।
भावुक एवं सहृदय होने के कारण इनका काफी समय एवं द्रव्य लोकहित में समाप्त हो जाता हैं और बजट असंतुलन का यह भी एक कारण होता हैं। ये अधिकतर एकान्तप्रिय होते हैं तथा अधिक घुलते-मिलते नहीं। इसलिए इनके मित्र भी सीमित होते हैं तथा रूचियां भी कम तथा एकांतिक होती हैं।
स्वास्थ्य ठीक होता हैं, पर साथ ही ये स्वास्थ्य के प्रति चौकन्ने भी रहते हैं। आहार संतुलित होता हैं एवं रहन-सहन सीधा एवं सादगीपूर्ण। ये शिक्षक, लैक्चरर, प्रोफेसर, अभियंता या लेखक हो सकते हैं। ये लेखन में सिद्धहस्त होते हैं।
श्रीमाली जी के अनुसार मूंलाक 4 उथल-पुथल से सबंधित हैं। ऐसे व्यक्ति जीवन में हारकर बैठ जाए, यह संभव ही नहीं हैं। वे निरंतर क्रियाशील रहते हैं। ऐसे व्यक्ति बीच में कहीं नहीं हैं, या तो ये उन्नति के सर्वोच्च शिखर पर होंगे या फिर पतन के गहरे गर्त में।
कई बार ऐसा देखने में आया हैं कि आज जो उन्नति की पराकाष्ठा पर हैं वहीं कल जेल की सलाखों में बंद हैं। इस प्रकार की घटनाएं अधिकांशतः मूलांक चार के व्यक्तियों के जीवन में ही घटित होती हैं। इन्हें पग-पग पर चैलेंज का सामना करना पड़ता हैं। शायद ही कोई ऐसा कार्य इनके जीवन में पूरा हुआ हो, जिसके बीच में व्यवधान या बाधा नहीं आई हो।
भाग्योन्नति में निरंतर उतार-चढ़ाव इन्हें देखने पड़ते हैं।पर अंत में सफलता हासिल करते है।मन से हटकर जरा-सा भी कार्य हो जाने पर ये आपे से बाहर हो जाते हैं। लेकिन जितनी गति से क्रोध चढ़ता हैं, उतनी ही तीव्र गति से वह उतर भी जाता हैं।
ये व्यक्ति अपनी गुप्त बातों को मन में दबाकर रख लेते हैं, इनके मन में क्या चल रहा हैं और अगले ही क्षण ये क्या कदम उठाने जा रहे हैं?इसकी भनक तब तक किसी को नहीं होने देते,जब तक कि वह योजना क्रियान्वित न हो जाए।
जीवन में शत्रुओं की कमी नहीं रहती हैं, ये एक शत्रु को परास्त करेंगे तो दस नए शत्रु उत्पन्न होंगे। यद्यपि वे पीठ पीछे कुचक्र रचेंगे, षड्यंत्र करेंगे, पर मुंह के सामने कुछ भी नहीं कर पाएंगें, क्योंकि इनका व्यक्तित्व ही कुछ ऐसा होता हैं कि शत्रु स्वतः ही परास्त हो जाते हैं।
मूलांक 4 और व्यवसाय: शराबी, स्प्रिट, तेल, केरोसीन, अर्क, इत्र, रेलविभाग, वायुसेना, जलदाय विभाग,टेक्नीशियन , इंटीरियर डेकोरेटर, अभियांत्रिकी, रक्षा, निर्माण, दर्जी, बढ़ई का कार्य, प्रिटिंग कार्य, बाबू, स्टेनो, टाइपिस्ट,शिल्पकार , पत्रकार, संग्रहकर्ता, विद्युत कार्य, वक्ता, उपदेषक, राज्य कर्मचारी, खनिज मजदूर,ठेकेदार , मोटर चालक आदि।
मूलांक चार के मित्र अंक: 2,4,5,6,8,9
मूलांक चार के शत्रु अंक: 1,3,7
मूलांक 4 और रोग: जब भी आपके जीवन में रोग की स्थिति आती है तब आपको ब्लड-प्रेशर, एलर्जी, लम्बा जुकाम, छूत के रोग शीघ्र हो जाते हैं। रोग होने,अशुभ समय आने, कष्ट व विपत्ति के समय आप गणेश चतुर्थी का व्रत करें तथा गणपति की उपासना करें।
Rajesh Shrimali
Vedic Astrologer, Kudali Vishleshan, Numerology & Horoscope Consultation
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